Текст песни RSS - Hindu Samskriti Ke Vat Vishal

  • Исполнитель: RSS
  • Название песни: Hindu Samskriti Ke Vat Vishal
  • Дата добавления: 16.02.2021 | 19:40:08
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Текст песни

तेरी चोटि नभ छूती है
तेरी जड पहुँच रही पाताल
हिन्दु संस्कृति के वट विशाल॥धृ॥

जाने कितने ही सूर्योदय मध्यान्ह अस्त से तू खेला
जाने कितने तूफानों को तूने निज जीवन में झेला
कितनी किरणों से लिपटी है तेरी शाखाएँ डाल-डाल ॥१॥

जाने कितने प्रिय जीवों ने तुझमें निज नीड़ बनाया है
जाने कितने यात्री गण ने आ रैन बसेरा पाया है
कितने शरणागत पूज रहे तेरा उदारतम अन्तराल ॥२॥

कुछ दुष्टों ने जड़ भी खोदी शाखा तोड़ी पत्ते खींचे
फिर कई विदेशी तत्वों के विष से जड़ के टुकड़े सींचे
पर सफल आज तक नहीं हुई उन मूढ़ जनों की कुटिल चाल ॥३॥

अनगिन शाखाएँ बढ़ती है धरती में मूल पकड़ती हैं
हो अन्तर्विष्ट समष्टि समा वे तेरा पोषण करती है
तुझ में ऐसी ही मिल जाती जैसे सागर में सरित माल ॥४॥

उन्मुक्त हुआ लहराता है छाया अमृत बरसाता ह

Перевод песни

Твоя боль касается
Аид достигает ваших корней
Ваты индуистской культуры

Знайте, сколько восходов вы сыграли с полуночи
Знайте, сколько штормов вы пережили в своей жизни
Сколько лучей опутано вашими ветвями?

Знайте, сколько милых созданий сделали вас ненужным человеком
Узнайте, сколько путешественников нашли приют
Скольким беженцам поклоняются, ваш щедрый интервал - 429

Некоторые негодяи также выкапывали ветви и ломали листья.
Затем орошайте кусочки корня ядом многих посторонних элементов.
Но глупая уловка этих глупых людей не удалась до сегодняшнего дня.

Бесчисленные ветви растут и держат корень в земле
Хо охватывает все общество, оно питает тебя.
У тебя в океане была бы такая же вещь, как сари.

Unleashed машет тенью нектар дождя & # 23

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