Текст песни
अफ़साने अब लिखता नहीं हूँ
मैं दुनिया को दीखता नहीं हूँ
मत पूछो मैं कितना सही हूँ
क्यूँ एक जगह टिकता नहीं हूँ
बसर करते हैं तेरे दिल में
असर है तो शिकवा करे क्यूँ
ज़िकर होता है हर मेहफ़िल में
वो चाहते पर दीखता नहीं हूँ
अफ़साने अब लिखता नहीं हूँ
मैं दुनिया को दीखता नहीं हूँ
मत पूछो मैं कितना सही हूँ
क्यूँ एक जगह टिकता नहीं हूँ
बसर करते हैं तेरे दिल में
असर है तो शिकवा करे क्यूँ
ज़िकर होता है हर मेहफ़िल में
वो चाहते पर दीखता नहीं हूँ
If I were you and you were me
I Would Forgive You
जैसे तू हो एक सुरंग में उसके end में तुझको रोशनी दिखी
That's how I see you
खुद को मेरी नज़र से देख
If I were you and you were me
में ऐसा टूट-ता के टूट’ते हैं तारे क्या वोह आज भी है मुन्तज़िर
मुख़्तसीर एक मुलाक़ात का फिर कभी मिल पाएं ना
दिल डूबे और मंज़िल लगे दूर बोहत
उरूज से जवाल देखें हैं नूर बोहत
ना तेरे हाथ में ज़िंदगी और ना ही मौत
मेरे हाथ में है कलम कल्ला और शौक
हर खौफ से आज़ाद करदो मेरी ज़ात को
किस्मतो से पाक करदो मेरे हाथ को
जिस हिसाब से रखा है दिल पे बोझ मेरे
जैसे कर्मा पीछे पड़ा है हाथ धो
गाने गये बोहत दिल दुखाये बोहत
ना तुम्हें आये शरम ना हमें आये मौत
मैं सेने हूँ is minute next minute I’m psycho
Industry करे Follow brands go where I go
ये मेरा flex नै हैं life हैं
Send my cheque मुझे बात चीत नै चाहिए
I got bills मर्द के अलग होते कायदे
अगर कमाते नै मर्द हो तुम काय के
Future दीखता नै है future is what i say
वो साथ खाएं केहना पड़ता नै वो भाई थे
I do or die for the gang
बिना लिखत पढ़त के किये हुए हैं ये मुहायदे
साल गिरा तब भी खड़ा था में माइक पे
गवाह यार रवादार मेरे साथ
रहे सदा आबाद ये आवाज़
I rap for a purpose ये career एक cause
You expect me to be perfect
And I’m just full of flaws
कैसे लिखता हु ये Verses क्या करता हूँ मेहसूस
में बिना ताज का बादशाह got nothing to lose
I’m crossing lines just to cancel out the booze
अब ना दिल से निकले आरज़ू
जब से दिल से निकली आज तू
दिल था मेरा गोशला ए सकून एक
क्यूँ बना गयी है इसे बाजार तू
अफ़साने अब लिखता नहीं हूँ
मैं दुनिया को दीखता नहीं हूँ
मत पूछो मैं कितना सही हूँ
क्यूँ एक जगह टिकता नहीं हूँ
बसर करते हैं तेरे दिल में
असर है तो शिकवा करे क्यूँ
ज़िकर होता है हर मेहफ़िल में
वो चाहते पर दीखता नहीं हूँ
अफ़साने अब लिखता नहीं हूँ
मैं दुनिया को